जन सुराज पार्टी द्वारा 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने और पुनः परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और 15 जनवरी को इस मामले में सुनवाई तय की गई है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर, जो पिछले कुछ दिनों से छात्रों के समर्थन में आंदोलनरत हैं, ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की है।
गौरतलब है कि 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है। कई अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाया है और इसे रद्द कर पुनः परीक्षा कराने की मांग की है। प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी से आमरण अनशन शुरू कर दिया था और गांधी मैदान में धरना दिया था। इस दौरान उन्हें 6 जनवरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसी शाम सिविल कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। हालांकि, अनशन के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बावजूद इसके, प्रशांत किशोर ने अपना आंदोलन जारी रखा है।
इस बीच, बीपीएससी ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया है। आयोग ने 70वीं पीटी परीक्षा की अंतरिम उत्तर कुंजी भी जारी कर दी है और अभ्यर्थियों से 16 जनवरी तक आपत्तियां मांगी हैं। इसके बाद फाइनल उत्तर कुंजी जारी की जाएगी। बीपीएससी का कहना है कि मुख्य परीक्षा कुछ ही महीनों में आयोजित की जा सकती है और प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जनवरी में घोषित होने की संभावना है।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर के आंदोलन ने इस विवाद को और अधिक मुखर बना दिया है। प्रशांत किशोर ने यह साफ कर दिया है कि जब तक 70वीं बीपीएससी पीटी को रद्द नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने अभी तक परीक्षा रद्द करने या न करने पर अंतिम फैसला नहीं लिया है और पूरे मामले की जांच चल रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि जांच में व्यापक गड़बड़ी सामने आती है, तो परीक्षा को रद्द किया जा सकता है।
जन सुराज पार्टी के वकील प्रणव कुमार ने याचिका में यह दलील दी है कि जब तक पुनः परीक्षा आयोजित नहीं हो जाती, तब तक प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित न किए जाएं। पार्टी ने पटना उच्च न्यायालय से न्याय की मांग की है ताकि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। पटना में छात्रों द्वारा दिए जा रहे धरने और प्रदर्शन को जन सुराज पार्टी का समर्थन प्राप्त है, और प्रशांत किशोर के नेतृत्व में यह मुद्दा लगातार जोर पकड़ रहा है।
इस विवाद के बीच, अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जहां एक तरफ कुछ अभ्यर्थी पुनः परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं। बीपीएससी ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है और प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
इस मुद्दे ने अब एक बड़ा मोड़ ले लिया है क्योंकि पटना उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और 15 जनवरी को सुनवाई होने वाली है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत क्या फैसला सुनाती है और इस विवाद का अंत किस दिशा में होता है।
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