छत्तीसगढ़ , बीजापुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ, जिसमें ताबड़तोड़ एक्शन से बौखलाए नक्सलियों ने आईईडी धमाके से सुरक्षा बलों की गाड़ी को उड़ा दिया। इस घटना में चालक और आठ डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) जवान शहीद हो गए। यह हमला बीजापुर के कुटू मार्ग के बेदरे इलाके में हुआ। शहीद जवान उस ऑपरेशन से लौट रहे थे, जिसमें उन्होंने पांच नक्सलियों को मार गिराया था।
बस्तर के आईजी ने जानकारी दी कि नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट के जरिए वाहन को निशाना बनाया, जिसमें आठ डीआरजी जवान और एक ड्राइवर समेत कुल नौ लोगों की जान चली गई। ये जवान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त अभियान से लौट रहे थे, जब रास्ते में नक्सलियों ने इस घातक विस्फोट को अंजाम दिया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और जवानों के शरीर के टुकड़े चारों तरफ बिखर गए।
मौके पर बने गड्ढे से विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है। बम का प्रभाव इतना था कि गाड़ी के पुर्जे 15 फीट ऊपर जाकर पेड़ों पर लटक गए। आईईडी विस्फोट से लगभग 5 फीट गहरा गड्ढा बन गया। घटनास्थल की तस्वीरें बेहद डरावनी और हृदयविदारक हैं। शहीद जवानों के शव इतनी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने के लिए सुरक्षा बल ताबड़तोड़ अभियान चला रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक बस्तर से नक्सलियों के सफाए का लक्ष्य रखा है। पिछले दिनों बीजापुर में उन्होंने यह ऐलान किया था। माओवादियों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बौखलाकर इस बड़ी घटना को अंजाम दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस विस्फोट में 50 किलो विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया गया था। जवान पंखाजुर इलाके में नक्सल विरोधी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर लौट रहे थे। इस ऑपरेशन में रविवार को पांच नक्सलियों को ढेर किया गया था। लेकिन, वापसी के दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर इस आईईडी विस्फोट को अंजाम दिया।
घायल जवानों को मौके से निकालने का काम तेजी से चल रहा है। उन्हें पहले बस्तर और फिर रायपुर ले जाने की तैयारी है। घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है, और अतिरिक्त बल को दंतेवाड़ा से घटनास्थल पर भेजा गया है।
इस हमले की तुलना 2010 में दंतेवाड़ा में हुए बड़े नक्सली हमले से की जा रही है, जिसमें सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हो गए थे। लंबे समय बाद माओवादी इस तरह की बड़ी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। सुरक्षा बलों की तरफ से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों ने उन्हें बौखलाने पर मजबूर कर दिया है।
फिलहाल, इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना नक्सल समस्या की गंभीरता को दर्शाती है और इस ओर ध्यान केंद्रित करती है कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
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