जम्मू-कश्मीर: कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले में सेना ने एक बड़ी मुठभेड़ को अंजाम देते हुए पांच आतंकियों को मार गिराया। ये सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन संगठन से जुड़े थे। इस ऑपरेशन की सफलता सुरक्षा बलों के लिए इसलिए भी खास रही क्योंकि मारे गए आतंकियों में से एक, फारूक नल्ली, पर 10 लाख रुपये का इनाम था। फारूक नल्ली घाटी में आतंकियों की भर्ती और आईईडी ब्लास्ट जैसे कायराना हमलों को अंजाम देने के लिए कुख्यात था।
दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच यह मुठभेड़ हुई। बीती रात सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली कि कद्दर इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। सूचना मिलते ही भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। घेराबंदी के दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों का एक संयुक्त प्रयास था। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने मिलकर पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया। आतंकियों की ओर से हुई गोलीबारी का सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ में कुल पांच आतंकियों को मार गिराया गया।
मारे गए आतंकियों में फारूक नल्ली, मुश्ताक लट्टू, इरफान लोन, यासिर जावेद भट्ट और आदिल हजम शामिल थे। फारूक नल्ली हिजबुल मुजाहिदीन का एक टॉप कमांडर था। वह ए++ श्रेणी का आतंकी था और घाटी में आतंकवाद फैलाने में मुख्य भूमिका निभाता था। नल्ली भर्ती अभियान चलाने के साथ-साथ आतंकी हमलों की साजिशें भी रचता था।
एनकाउंटर कुलगाम के कद्दर इलाके में हुआ, जो एक रिहायशी इलाका है। आतंकियों ने खुद को इन मकानों में छिपा रखा था। सुरक्षा बलों ने पहले पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। इसके बाद, आतंकियों की ओर से गोलीबारी शुरू होने पर सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
मुठभेड़ स्थल पर गोलियों के सैकड़ों खोखे बिखरे पड़े थे। आसपास के मकानों की दीवारें, खिड़कियां और दरवाजे गोलियों से छलनी हो गए थे। कई पेड़-पौधे भी गोलीबारी में पूरी तरह से नष्ट हो चुके थे। मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने पांच एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया।
इस ऑपरेशन को सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। मारे गए आतंकी घाटी में एक बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान सेना के दो जवान घायल हो गए।
जहां कुलगाम में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत आतंकियों का सफाया किया गया, वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में छापेमारी की। इसके अलावा, खुफिया विभाग (आईबी) के इनपुट पर इंदौर के खजराना इलाके में एटीएस ने छापेमारी कर आईएसआई से जुड़े तीन स्लीपर सेल को गिरफ्तार किया। इन तीनों आतंकियों को कश्मीर भेजने की साजिश थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते उन्हें पकड़ लिया।
इस मुठभेड़ और कार्रवाई के जरिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा एजेंसियां घाटी में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। कश्मीर में सेना और पुलिस की यह संयुक्त रणनीति आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर रही है और घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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