नैनी, प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत नैनी के मीरखपुर उपरहार क्षेत्र में शुक्रवार को एक और बड़ी कार्रवाई की गई। अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम के अंतर्गत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने 6 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क की। यह जमीन माफिया ने अपने एक करीबी के नौकर के नाम से कराई थी, जिससे वह सरकारी रिकॉर्ड में अपने काले धंधों से अर्जित संपत्ति को छुपा सके।
इस वर्ष अप्रैल में नवाबगंज के सराय राह कोरारी आनापुर निवासी श्यामजी सरोज उर्फ श्यामबाबू ने पुलिस को बयान दिया था कि माफिया अतीक अहमद ने उसके नाम पर कई बेनामी संपत्तियां कर रखी हैं। श्यामजी एक सफाईकर्मी के रूप में काम करता था और उसका संपर्क अतीक के करीबी दो सगे भाइयों से हुआ था। यह दोनों भाई अतीक के भरोसेमंद लोग थे और उन्होंने श्यामजी के नाम पर जमीन खरीदने का बैनामा कराकर दस्तावेजों को अपने पास रख लिया। बदले में श्यामजी को हर महीने 8,000 रुपये दिए जाते थे।
श्यामजी ने यह भी आरोप लगाया कि जब उससे कहा गया कि उसके नाम पर 6 करोड़ रुपये की जमीन होगी, तो उसने इनकार कर दिया। इसके बाद उसे मारा-पीटा गया और जमीन के कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। श्यामजी के बयान के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि माफिया ने अपने काले धंधों से अर्जित धन से कई जगह जमीन खरीदी थी, जिनमें मीरखपुर उपरहार के ये दो प्लॉट भी शामिल हैं।
शुक्रवार को नैनी के मीरखपुर उपरहार में इन दो प्लॉटों को कुर्क करने के लिए एसीपी वरुण कुमार के नेतृत्व में तीन थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारी भी इस कार्रवाई में शामिल थे। पुलिस ने इन जमीनों का निरीक्षण किया और कुर्की की प्रक्रिया शुरू की। कुर्की के बाद पुलिस ने इन जमीनों पर कुर्की का बोर्ड भी लगवाया, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि अब यह संपत्ति माफिया के अधिकार से बाहर है।
इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय प्रशासन ने यह भी पता लगाने की कोशिश की कि और किन-किन जगहों पर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने इसी तरह से बेनामी संपत्तियां बना रखी हैं। श्यामजी सरोज ने बताया था कि फूलपुर और हंडिया क्षेत्रों में भी अतीक ने उसके नाम पर जमीन खरीदी है। प्रशासन अब इन संपत्तियों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
इस पूरे मामले में एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि अतीक अहमद और उसके भाई ने अपराध से अर्जित धन का इस्तेमाल करके लोगों को डरा-धमकाकर जमीनें खरीदीं। उन्होंने औने-पौने दामों पर जमीन मालिकों को मजबूर किया और अपने करीबी लोगों के नाम पर संपत्तियों का बैनामा करवाया। नैनी की यह 6 करोड़ की जमीन भी इसी तरह से खरीदी गई थी। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि अतीक और उसके सहयोगियों ने कागजातों पर लोगों से जबरन हस्ताक्षर कराए और उन्हें बंधक बनाकर अपनी योजनाओं को अंजाम दिया।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद से प्रशासन की कार्रवाई और तेज हो गई है। पुलिस अब लगातार उन सभी बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है, जो अतीक और उसके परिवार के सदस्यों या करीबी सहयोगियों के नाम पर हैं। मीरखपुर उपरहार की यह कार्रवाई भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह संदेश गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह कितना भी बड़ा माफिया क्यों न हो।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आगे भी इसी तरह की कार्रवाइयां जारी रहेंगी और अतीक अहमद द्वारा छुपाई गई संपत्तियों को जल्द से जल्द जब्त किया जाएगा।
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