पीलीभीत : संभल और पीलीभीत के बीच एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र में पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। पुलिस का दावा है कि ये तीनों आतंकी आईएसआई प्रायोजित टेरर मॉड्यूल के सदस्य थे।
पंजाब पुलिस को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादियों की पूरनपुर इलाके में मौजूदगी की सूचना मिली थी। इस जानकारी के आधार पर यूपी पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी की। जैसे ही आतंकवादियों ने पुलिस को देखा, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में तीनों आतंकवादी मारे गए।
मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान इस प्रकार हुई है: वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि, गुरविंदर सिंह और जसप्रीत सिंह। यह तीनों आतंकवादी पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे। उनके कब्जे से दो एके-47 राइफल, दो विदेशी निर्मित पिस्टल और भारी मात्रा में गोलियां बरामद हुई हैं।
पंजाब पुलिस के अनुसार, ये तीनों आतंकवादी गुरदासपुर जिले में हाल ही में हुए दो बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल थे। वडाला बांगर थाने पर बम से हमला और एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला। पिछले हफ्ते हुए इन हमलों के बाद से पंजाब पुलिस को इनकी तलाश थी।
पूरनपुर थाना क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलते ही पंजाब और यूपी पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन शुरू किया। तीनों आतंकवादी एक बाइक पर सवार होकर तेज गति से भाग रहे थे। खमरिया पॉइंट पर पुलिस की पिकेट ने उनकी बाइक को रोकने की कोशिश की। जब पुलिस ने उन्हें ललकारा, तो उन्होंने भारी गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकवादी घायल हो गए और उन्हें तुरंत सीएचसी पूरनपुर ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, मारे गए तीनों आतंकी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते थे और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में आतंकवाद की राह पर चल पड़े थे। इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि था, जो सीधे अपने हैंडलर से संपर्क करता था और उसके आदेशों का पालन करता था।
शुरुआती जांच में पता चला है कि इस मॉड्यूल की कमान पाकिस्तान में रह रहे रणजीत सिंह के हाथ में थी, जो खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का मुखिया है। रणजीत सिंह ग्रीस में रह रहे जसविंदर सिंह मन्नू के माध्यम से अपनी गतिविधियां संचालित करता है। जसविंदर और मारे गए तीनों आतंकी गुरदासपुर के एक ही गांव के रहने वाले थे। इसके अलावा, ब्रिटेन में रह रहे जगजीत सिंह का नाम भी इस मामले में सामने आया है। जगजीत सिंह ब्रिटिश आर्मी में नौकरी कर रहा है और “फतेह सिंह बागी” के नाम से आतंकवादी गतिविधियां चला रहा है। गुरदासपुर में हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी भी फतेह सिंह बागी ने ही ली थी।
इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी मुंबई से खालिस्तानी आतंकी जतिंद्र सिंह उर्फ ज्योति को गिरफ्तार किया है। जतिंद्र सिंह लखबीर सिंह उर्फ लांडा और गैंगस्टर बच्ची सिंह का करीबी माना जाता है। वह पंजाब में इन आतंकियों को हथियारों की सप्लाई करता था। जतिंद्र की गिरफ्तारी एनआईए के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
पंजाब और यूपी पुलिस के इस संयुक्त ऑपरेशन ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ पूरी सतर्कता और समर्पण के साथ काम कर रही हैं।
एसपी पीलीभीत अविनाश पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन पहले ही यह लोग आने की संभावना है क्योंकि एक दिन पहले पीलीभीत से एक चोरी हुई बाइक इनके पास बरामद हुई है. बताया जा रहा है पूरनपुर थाना क्षेत्र में जब पुलिस ने इनका पीछा किया तो उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जिसमें पुलिस के दो जवान घायल हुए हैं. फिलहाल इनके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद हुए हैं. इस कार्रवाई में पंजाब पुलिस व उत्तर प्रदेश की पीलीभीत पुलिस शामिल रही. फिलहाल तीनों की मुठभेड़ के बाद तीनों बदमाशों को जिला अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टर ने तीनो को मृत घोषित कर दिया.
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