उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में योगी सरकार के ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने एक बार फिर गौ तस्करी के बड़े नेटवर्क पर कड़ी चोट की है। जिले के धनुपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात हुई पुलिस मुठभेड़ में शातिर तस्कर मोहम्मद शमशेर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी के ट्रक से बेरहमी से ठूंसे गए 28 गौवंश को जीवित मुक्त कराया है।
शमशेर एक इंटरस्टेट गौ तस्करी रैकेट का अहम सदस्य है, जो गोंडा से सटे क्षेत्रों से गोवंश को एकत्र कर उन्हें अवैध तरीके से बिहार के सिवान जिले तक पहुंचाने का काम करता था। इस बार भी वह अपने मिशन पर था, लेकिन पुलिस की सतर्कता और SOG की तत्परता ने पूरे तंत्र को बेनकाब कर दिया।
गौ तस्करी के खिलाफ योगीराज की 'बुलेट नीति': गोंडा में ट्रक समेत 28 गौवंश बरामद, शातिर तस्कर शमशेर पुलिस मुठभेड़ में घायल
गोंडा पुलिस को बीते कुछ महीनों से लगातार गो तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं। धनुपुर थाना क्षेत्र में विशेष रूप से रात के अंधेरे में भारी वाहन देखे जाने की शिकायतें पुलिस को मिली थीं। इन सूचनाओं के बाद पुलिस ने इलाके में मुखबिरों का जाल बिछाया और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) के साथ संयुक्त रणनीति बनाई।
जैसे ही जानकारी मिली कि एक संदिग्ध ट्रक भारी भरकम पशुओं को लेकर निकलने वाला है, पुलिस ने रास्ते में चेकिंग शुरू कर दी। ट्रक आता देख पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन ड्राइवर ने ट्रक की रफ्तार बढ़ा दी। पीछा करने पर ट्रक चालक ने वाहन को एक खेत के किनारे छोड़कर भागने की कोशिश की।
भागते हुए शमशेर ने पुलिस पर फायरिंग की, जिस पर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। एनकाउंटर में शमशेर के एक पैर में गोली लगी और वह गिर पड़ा। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और तुरंत जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजा।
घायल हालत में पुलिस की गाड़ी (जिप्सी) में उसे चढ़ाते वक्त पुलिसकर्मियों को उसे सहारा देना पड़ा। वहीं दूसरी ओर, पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लिया और जब उसे खोला तो सभी सन्न रह गए—ट्रक में आगे से पीछे तक 28 गायों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। न हवा, न रोशनी, न पानी। कुछ गायें बेसुध थीं, कुछ डर से काँप रही थीं।
पुलिस ने आरोपी शमशेर के पास से एक अवैध देशी तमंचा, जिंदा कारतूस और भारी-भरकम ट्रक बरामद किया। ट्रक के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं और नंबर प्लेट भी संदिग्ध पाई गई। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि यह ट्रक अलग-अलग रूट से घूमते हुए गोवंश को सीमापार पहुंचाने के लिए प्रयोग में लाया जाता था, जिससे पुलिस की नजर से बचा जा सके।
पूछताछ में शमशेर ने खुलासा किया कि वह गोंडा से संत कबीर नगर और बस्ती जिलों से गोवंश इकट्ठा कर उन्हें बिहार के सिवान, गोपालगंज और छपरा जैसे जिलों में डिलीवर करता था। यह नेटवर्क न सिर्फ यूपी और बिहार तक सीमित है, बल्कि कई बार यह पशु झारखंड और बंगाल तक भी ले जाए जाते हैं।
शमशेर खुद संत कबीर नगर जिले का निवासी है और उसने बताया कि उसके नेटवर्क में करीब दर्जनभर ऐसे लोग हैं जो अलग-अलग इलाकों में तस्करी के लिए पशु एकत्र करते हैं, उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं और फिर ड्राइवरों के जरिये सीमापार भिजवाते हैं।
गोंडा पुलिस का कहना है कि अभी पूछताछ का सिलसिला जारी है और शुरुआती जानकारी में शमशेर ने अपने गैंग के कई सदस्यों के नाम बताए हैं। पुलिस अब इन सूचनाओं को क्रॉस चेक कर रही है और जल्द ही इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
गोंडा एसपी ने कहा, “शमशेर एक अहम कड़ी है। हम उसके जरिए पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की योजना पर काम कर रहे हैं। जल्द ही बड़े चेहरे सामने होंगे।”
योगी सरकार में गौ तस्करों के खिलाफ ‘नो टॉलरेंस’ नीति अपनाई गई है। मुख्यमंत्री खुद कई बार कह चुके हैं कि "गौ-हत्या और तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" पिछले कुछ महीनों में ही यूपी पुलिस ने सैकड़ों गायों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया है और कई बड़े रैकेट्स को ध्वस्त किया है।
गोंडा में भी प्रशासन ने अब स्थायी रूप से चेकिंग प्वाइंट्स बढ़ा दिए हैं और गौ तस्करी की आशंका वाले इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है। एसओजी और स्थानीय पुलिस मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चला रही है।
पुलिस द्वारा जब्त किए गए ट्रक का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसमें देखा जा सकता है कि ट्रक के हर कोने में जानवरों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ा कर लादा गया है। न कोई वेंटिलेशन, न कोई देखभाल। जानवरों की आँखों में डर और थकावट साफ दिखाई देती है।
लोग इस दृश्य को देखकर आक्रोशित हैं। सोशल मीडिया पर शमशेर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
पुलिस अब शमशेर की कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन को खंगाल रही है, ताकि उसके अन्य साथियों की पहचान हो सके। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस नेटवर्क में कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल है।
गोंडा पुलिस को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इस सिंडिकेट की पूरी जड़ें उखाड़ दी जाएंगी और गौ तस्करी की यह काली धंधा हमेशा के लिए बंद होगा।
गोंडा का यह मामला सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि उस संघर्ष का प्रतीक है जो सरकार और प्रशासन गौ तस्करी जैसे अपराधों के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक ओर जहां तस्कर अपने मुनाफे के लिए मासूम जानवरों की जान को खतरे में डालते हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस ऐसे तत्वों को धर दबोचने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शमशेर की गिरफ्तारी के बाद यूपी और बिहार में चल रहे इस अवैध कारोबार के और कितने राज उजागर होते हैं। फिलहाल, गोंडा में गौ तस्करी रैकेट पर बड़ी चोट लगी है और इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया है—योगीराज में गायों की तस्करी करने वालों के लिए कोई जगह नहीं।
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