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Jan 10 2025 

अयोध्या में नए साल का भव्य स्वागत: राम मंदिर में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब

अयोध्या में नए साल का भव्य स्वागत: राम मंदिर में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब

ब्रेकिंग न्यूज

  •  01 Jan 2025
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देशभर में 2025 का भव्य स्वागत बड़े धूमधाम से हो रहा है, और रामनगरी अयोध्या में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। भक्ति और आस्था के इस अद्भुत संगम ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अयोध्या में इस बार भक्तों की ऐसी भीड़ उमड़ी है जैसी पूरे साल में केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय देखी गई थी। राम भक्तों की भारी संख्या से पूरी अयोध्या खचाखच भर गई है। हर ओर "जय श्री राम" के जयघोष की गूंज है और वातावरण राम नाम से पवित्र हो चुका है। जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी, तब कुछ आलोचकों ने कहा था कि यह भीड़ जल्दी ही खत्म हो जाएगी। लेकिन राम भक्तों ने इसे गलत साबित कर दिखाया कि उनके लिए "जय श्री राम" केवल एक नारा नहीं, बल्कि उनके जीवन की भावना है।

इस नए साल पर अयोध्या का अद्भुत रूप देखने को मिला। यहां आए श्रद्धालुओं ने रामलला और हनुमानजी के दर्शन कर अपने साल की शुरुआत की। भक्तों के चेहरों पर खुशी और मन में भक्ति का ऐसा उमंग था जो शब्दों में बयां करना मुश्किल है। दर्शन करने आए एक श्रद्धालु ने कहा, "हमने सोचा था कि नए साल की शुरुआत अयोध्या धाम से करेंगे। राम मंदिर का दर्शन कर धन्य हो गए। यह अनुभव दिल को अंदर तक खुशी से भर देता है।" किसी ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा अनुभव बताया, तो किसी ने कहा कि यहां आकर ऐसा लगा जैसे रामलला को प्राप्त कर लिया हो।

राम भक्तों की भीड़ ने अयोध्या की सड़कों को पूरी तरह भर दिया। नए साल के मौके पर यहां आए श्रद्धालुओं की संख्या ने गोवा, शिमला, श्रीनगर जैसे प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रिकॉर्ड तोड़ दिए। हर गली, हर मोड़ पर "जय श्री राम" की गूंज सुनाई दी। 2024 के आखिरी सूर्योदय के साथ ही राम पथ से मंदिर तक भक्तों की लंबी कतारें लग गई थीं। मंदिर के गर्भगृह में दर्शन करने के लिए भक्त घंटों इंतजार कर रहे थे। सुबह 5 बजे से कतार में लगे लोग दिन चढ़ने तक भी दर्शन का इंतजार कर रहे थे। लखीमपुर खीरी से आए एक श्रद्धालु ने बताया, "हमने कई बार प्लान किया था, लेकिन भगवान ने हमें आज बुलाया। यह अनुभव अविस्मरणीय है।"

2024 में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या हिंदुओं के लिए एक शीर्ष तीर्थ स्थल बन गया है। पिछले एक साल में यहां कई बदलाव हुए हैं। रामलला के मुख्य मंदिर का निर्माण जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर परिसर में अन्य निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। गर्भगृह के पीछे परिक्रमा मार्ग पर टाइटेनियम धातु की जालियां लगाई जा रही हैं, जो पनडुब्बियों में इस्तेमाल की जाती हैं और लंबे समय तक खराब नहीं होतीं। मंदिर के प्रथम तल पर सागौन की लकड़ी के दरवाजे लगाए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण समिति के मुताबिक, जून 2025 तक मंदिर का शिखर और परिसर का अधिकांश कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

राम मंदिर के शिखर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए 28 कॉपर वायर लगाए जा रहे हैं। यह तार जमीन तक जाएंगे, जिससे बिजली के प्रभाव से मंदिर को सुरक्षित रखा जा सके। एविएशन से जुड़ी सुरक्षा का भी ध्यान रखा जा रहा है। विमान को मंदिर से संकेत मिलेंगे ताकि वे मंदिर के पास न आएं।

मंदिर परिसर में प्रदक्षिणा मार्ग पर म्यूरल लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है। लोअर प्लिंथ में 85 म्यूरल लगाए जाने हैं, जिनमें से 21 पहले ही परिसर में पहुंच चुके हैं। शेष म्यूरल का काम भी प्रगति पर है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में साधु-संतों के लिए गेस्ट हाउस, ऑडिटोरियम और अन्य सुविधाएं भी बनाई जा रही हैं।

हनुमान गढ़ी के बाहर भी भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। भोजपुरी फिल्मों के कलाकार संजय वर्मा ने अयोध्या पहुंचकर रामलला और हनुमानजी के दर्शन किए। उन्होंने बताया, "यहां आकर ऐसा आनंद महसूस हो रहा है जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हर साल नए साल का स्वागत हम अलग-अलग जगहों पर करते थे, लेकिन इस बार रामनगरी में आकर मन प्रफुल्लित हो गया।"

11 जनवरी 2025 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने की तैयारी है। इस अवसर पर यज्ञ मंडप में शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों से अग्निहोत्र, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा का पाठ और संगीतमय मानस पाठ आयोजित किए जाएंगे। मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रसाद वितरण भी होगा।

अयोध्या में भक्ति के इस माहौल का असर आसपास के क्षेत्रों में भी दिखने लगा है। मिल्कीपुर जैसे क्षेत्रों में, जहां जनवरी के अंत या फरवरी में उपचुनाव हो सकते हैं, वहां भी रामलहर का प्रभाव दिख रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने फैजाबाद (अयोध्या) सीट जीतकर सबको चौंका दिया था। लेकिन उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली। माना जा रहा है कि मिल्कीपुर में ब्राह्मण और दलित वोट बैंक साधने वाले दल की जीत आसान होगी।

राम मंदिर ने हिंदू समाज को एक नई ऊर्जा दी है। मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना बन चुकी है, जिसने न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश को एकजुट किया है। श्रद्धालुओं का यह सैलाब दिखाता है कि रामलला के दर्शन मात्र से भक्तों को अपार शांति और आनंद मिलता है। अयोध्या अब न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भक्ति और संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र बन चुकी है।

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