जयपुर : जयपुर पुलिस ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा करते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आया है गैंग की महिला सदस्य सीमा मल्होत्रा, जिसे गैंग में "मैडम माया" के नाम से जाना जाता है। माया का नाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग के भीतर और बाहर काफी प्रभावशाली है। वह न केवल गैंग के असाइनमेंट्स को अंजाम देने की जिम्मेदारी निभाती थी, बल्कि जेल में बंद सदस्यों से लेकर विदेशी संपर्कों तक, पूरे नेटवर्क को संभालने का काम करती थी।
जयपुर पुलिस की इस सफलता की शुरुआत कुछ दिनों पहले हुई जब उन्होंने लॉरेंस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि पंजाब की भटिंडा जेल में बंद एक शख्स, राजेंद्र उर्फ "जोकर," इस पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था। जोकर का सीधा संपर्क सीमा उर्फ माया से था, जो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सक्रिय थी। माया जेल में बंद लॉरेंस के निर्देशों को बाहर गुर्गों तक पहुंचाने और उनसे जुड़े काम पूरे कराने में अहम भूमिका निभाती थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद से गैंग के काम करने के तरीके और उसकी जटिल संरचना को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस को माया के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं। वह पढ़ी-लिखी और अंग्रेजी बोलने में माहिर है, जो उसे अन्य गुर्गों से अलग बनाती है। माया लॉरेंस गैंग के लिए पिछले दो साल से काम कर रही थी और उसने गैंग को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उसकी जिम्मेदारी न केवल हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित करना थी, बल्कि जेल में बंद सदस्यों की जमानत कराने, वकील मुहैया कराने और उनकी जेल ट्रांसफर तक का इंतजाम करना भी था।
माया की गिरफ्तारी जयपुर पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया और उसके पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और हथियार बरामद किए हैं। जांच में यह भी पता चला कि माया गैंग के लिए जेल के अंदर और बाहर संदेशों को पहुंचाने का काम करती थी। जेल में बंद सदस्यों तक पैसे पहुंचाने और उनकी जरूरतों को पूरा करने का काम भी माया की जिम्मेदारी थी।
गैंग का संचालन केवल भारत तक सीमित नहीं है। इसके सदस्य विदेशों में भी सक्रिय हैं। लॉरेंस का भाई अनमोल बिश्नोई अमेरिका में रहकर गैंग की गतिविधियों की योजना बनाता है। गोल्डी बराड़, जो कनाडा में रहता है, जेल में बंद सदस्यों से संपर्क में रहता है और उनकी समस्याओं का समाधान करता है। रोहित गोदारा धमकियां देने और गैंग के सदस्यों को निर्देश देने का काम करता है। सचिन बिश्नोई टारगेट को पहचानने और योजनाओं को लागू करने में शामिल रहता है।
माया को लेकर पुलिस ने खुलासा किया है कि उसका नाम गैंग के अंदर काफी प्रभावशाली है। माया को गैंग में तीन नामों से जाना जाता है - सीमा, रेडू और मैडम माया। लेकिन लॉरेंस गैंग के गुर्गों के बीच वह "मैडम माया" के नाम से ही मशहूर है। माया का काम न केवल लॉरेंस के आदेशों को लागू करना था, बल्कि गैंग के सदस्यों के बीच समन्वय बनाना और नए अपराधियों को भर्ती करना भी था।
माया के खिलाफ राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में कई मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि माया का काम बेहद संगठित था। वह अपने महिला होने का फायदा उठाकर पुलिस की नजरों से बचने में सफल होती थी। उसने गैंग के लिए कई बड़े असाइनमेंट पूरे किए हैं। माया की गिरफ्तारी के बाद गैंग के काम करने के तरीके पर भी बड़ा असर पड़ा है।
जब जयपुर पुलिस माया को गिरफ्तार कर रही थी, उसी समय राजस्थान के डीडवाना में एक व्यापारी को धमकी भरी कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को रोहित गोदारा बताया और व्यापारी से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। कॉल में धमकी दी गई कि रकम नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पुलिस ने इस कॉल को लेकर जांच शुरू कर दी है। व्यापारी ने बताया कि कॉल एक विदेशी नंबर से आई थी। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कॉल वास्तव में रोहित गोदारा ने की थी या कोई और उसका नाम इस्तेमाल कर रहा था।
इस कॉल के बाद सवाल उठने लगे कि क्या डीडवाना में व्यापारी को धमकी देने के पीछे भी माया का हाथ था। पुलिस को शक है कि माया ने गैंग के अन्य सदस्यों को निर्देश देकर यह धमकी दिलवाई हो सकती है। हालांकि, जयपुर पुलिस का मानना है कि माया की गिरफ्तारी के बाद गैंग के अंदरूनी कामकाज पर काफी असर पड़ा है।
माया के गैंग से जुड़े होने के कई और सबूत सामने आए हैं। जयपुर पुलिस ने बताया कि माया के पास से बरामद दस्तावेजों में गैंग के कई सदस्यों की जानकारी है। माया यह सुनिश्चित करती थी कि लॉरेंस गैंग के हर सदस्य को समय पर पैसे और अन्य संसाधन मिलें। वह गैंग के सदस्यों की जमानत कराने के लिए वकीलों का इंतजाम भी करती थी।
माया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गैंग के अन्य सदस्यों पर भी नजर रखना शुरू कर दिया है। पुलिस को शक है कि माया के जरिए उन्हें गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने का मौका मिलेगा। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है।
जयपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि वे लॉरेंस गैंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। माया की गिरफ्तारी से गैंग को बड़ा झटका लगा है। पुलिस को उम्मीद है कि माया से पूछताछ में गैंग के कई और राज खुल सकते हैं।
लॉरेंस बिश्नोई, जो वर्तमान में साबरमती जेल में बंद है, अपने गैंग के जरिए भारत और विदेश में अपराधों का संचालन कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बावजूद उसका गैंग सक्रिय है। लेकिन जयपुर पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि कानून के आगे कोई भी गैंग ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता।
माया की गिरफ्तारी के बाद लॉरेंस गैंग के अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। पुलिस का मानना है कि माया के जरिए उन्हें गैंग के काम करने के तरीके और उनके संपर्कों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। इस गिरफ्तारी ने लॉरेंस गैंग की गतिविधियों पर काफी हद तक असर डाला है।
जयपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि वे अपराधियों के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। माया की गिरफ्तारी से न केवल लॉरेंस गैंग को झटका लगा है, बल्कि पुलिस को भी इस गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का हौसला मिला है। लॉरेंस गैंग के खिलाफ यह कार्रवाई भारतीय कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
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