This website uses cookies to ensure you get the best experience.

Jan 11 2025 

वक्फ संशोधन कानून गरीब मुसलमानों के हित में: गिरिराज सिंह

वक्फ संशोधन कानून गरीब मुसलमानों के हित में: गिरिराज सिंह

ब्रेकिंग न्यूज

  •  14 Sep 2024
  •  12
  •  11 Min Read
  •  1

प्रयागराज: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शुक्रवार को संगम नगरी प्रयागराज में पहुंचे और वक्फ संशोधन कानून का पुरजोर समर्थन करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह कानून गरीब मुसलमानों के हित में लाया जा रहा है, क्योंकि वर्तमान वक्फ कानून में गरीब मुसलमानों और महिलाओं की भागीदारी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा बनाए गए वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने का कानून बताते हुए कहा कि यह बोर्ड मुसलमानों के हित में भी नहीं रहा है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि 1947 में आजादी के बाद जो मुसलमान पाकिस्तान गए थे, उन्हें वहां हिंदुओं की संपत्ति मिली, जबकि जो हिंदू पाकिस्तान से भारत आए, उन्हें मुसलमानों की जमीन नहीं मिली। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने वक्फ बोर्ड बनाकर मुसलमानों के साथ भी अन्याय किया है, और वक्फ की जमीनों पर कब्जा जमाने का रास्ता खोल दिया।

मथुरा और काशी पर दिया धैर्य रखने का संदेश :

अयोध्या के बाद मथुरा और काशी के मुद्दों पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को धैर्य रखना होगा, सब कुछ समय आने पर मिलेगा। उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है और इसे देखते हुए शिमला मॉडल को लागू करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ संशोधन कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून गरीब मुसलमानों के लिए लाया जा रहा है, क्योंकि वर्तमान कानून में गरीब मुसलमानों और महिलाओं की भागीदारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून में हड़पने और विरोध प्रदर्शन की कोई जगह नहीं है।

केजरीवाल और विपक्ष पर हमला :

केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लिया और कहा कि केजरीवाल देश की आजादी के लिए जेल नहीं गए, बल्कि भ्रष्टाचार और चोरी के आरोपों में जेल गए हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि "जमानत मिलने के बाद अब वे न्याय की बातें कर रहे हैं।" इसके अलावा, गिरिराज सिंह ने बिहार के नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और अपराधियों को जाति के आधार पर बचा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के मस्जिद निर्माण पर प्रतिक्रिया :

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के अवैध निर्माण के मुद्दे पर भी गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान का समर्थन किया जिसमें योगी ने कहा था कि "बटोगे तो कटोगे और एकजुट रहोगे तो बचोगे।" गिरिराज सिंह ने कहा कि पूरे देश के हिंदुओं को हिमाचल प्रदेश से सबक लेना चाहिए और अवैध मस्जिदों के निर्माण को रोकने के लिए हिमाचल को एक मॉडल बनाना होगा। उन्होंने बताया कि आज देशभर में 3 लाख से ज्यादा मस्जिदें हैं जबकि आजादी के समय केवल 2800 मस्जिदें थीं। उन्होंने उत्तराखंड के जंगलों में अवैध मजारों और वक्फ बोर्ड के नाम पर हो रहे अवैध कब्जों पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग की।

गिरिराज सिंह ने कांग्रेस द्वारा बनाए गए वक्फ बोर्ड को "जमीन हड़पने का कानून" बताते हुए कहा कि यह बोर्ड न केवल हिंदुओं, बल्कि मुसलमानों के भी खिलाफ रहा है। उनके अनुसार, 1947 में जब देश विभाजन हुआ, तो जो मुसलमान पाकिस्तान गए थे, उन्हें वहां हिंदुओं की संपत्तियां मिलीं। लेकिन जो हिंदू पाकिस्तान से भारत आए, उन्हें यहां मुसलमानों की जमीनें नहीं दी गईं। यह दर्शाता है कि कांग्रेस की सरकार ने दोनों समुदायों के साथ अन्याय किया है और वक्फ बोर्ड ने जमीन पर कब्जा जमाने का रास्ता खोल दिया है।

मूंज शिल्पग्राम का उद्घाटन : 

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने महेवा में बने मूंज शिल्पग्राम का उद्घाटन किया और वहां पर प्रदर्शित किए गए मूंज के बने उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस शिल्पग्राम से स्थानीय कारीगरों और महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनके उत्पादों को एक नया बाजार मिलेगा। मंत्री ने प्रदर्शनी में टेराकोटा, पत्थर की नक्काशी और मूंज से बनी वस्तुओं का विशेष रूप से अवलोकन किया।

कार्यक्रम के दौरान सारिका बेगम, चांद बीबी, और सुल्ताना अंसारी जैसी महिलाओं ने मंत्री को बताया कि वे पिछले 50 साल से मूंज के उत्पाद बना रही हैं और प्रदर्शनी के माध्यम से उन्हें अच्छा लाभ हो रहा है। इन उत्पादों में सुहाग पिटारी, टोकरी, और कोस्टर की विशेष मांग है। मंत्री ने उनकी मेहनत की प्रशंसा की और उन्हें और भी प्रोत्साहन देने का आश्वासन दिया।

कुंभ-महाकुंभ की परंपराओं में बदलाव की मांग:

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रयागराज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की सराहना की और उनकी मुगलकालीन शहरों के नाम बदलने की पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री योगी ने ऐतिहासिक नगरों के नाम बदले हैं, उसी तरह सनातन धर्म के वैभव को संरक्षित करने के लिए कुंभ और महाकुंभ की परंपराओं से भी "पेशवाई" और "शाही स्नान" जैसे शब्दों को बदलने की आवश्यकता है।

गिरिराज सिंह ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी द्वारा सुझाए गए नए शब्दों "राजसी स्नान" और "छावनी प्रवेश" का समर्थन किया है। उन्होंने साधु-संतों से आग्रह किया कि वे केवल मठ-मंदिरों तक सीमित न रहें, बल्कि गाँव-गाँव जाकर धर्म के प्रति जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि यदि साधु-संत सक्रिय होकर इस दिशा में काम नहीं करेंगे, तो सनातन धर्म को बचाने में कठिनाई हो सकती है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुशील मिश्र ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है, जिसमें महाकुंभ की धार्मिक परंपराओं को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और अन्य धार्मिक संगठनों द्वारा "शाही स्नान" और "पेशवाई" जैसे शब्दों को बदलने की मांग बढ़ती जा रही है। दैनिक जागरण ने भी इस मुद्दे को जनभावनाओं के रूप में प्रमुखता से प्रकाशित किया है, और इसी के मद्देनज़र सुशील मिश्र ने सरकार से इस पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है।

प्रदेश के पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी इस मांग का समर्थन किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया कि संतों और सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए "शाही स्नान" और "पेशवाई" शब्दों को बदलने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। अखाड़ा परिषद का मत है कि कुंभ और महाकुंभ की परंपराएं वैदिक संस्कृति पर आधारित हैं, फिर भी इनमें फारसी और उर्दू शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। परिषद द्वारा "शाही स्नान" की जगह "राजसी स्नान" और "पेशवाई" की जगह "छावनी प्रवेश" नामकरण की मांग की जा रही है।

 

कृपया अपने विचार साझा करें :

Search News

Advertisements

Subscribe Newsletter

सभी नवीनतम सामग्री सीधे अपने इनबॉक्स पर प्राप्त करें