हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने तीसरे दिन बड़ी कार्रवाई की है। आज 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें 2 महिलाएं शामिल हैं। आईजी रेंज अलीगढ़ शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार सभी 6 आरोपी आयोजन समिति के सदस्य हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में मैनपुरी के राम लड़ैते यादव, शिकोहाबाद के उपेंद्र यादव, हाथरस के मेड सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। ये सभी सत्संग कार्यक्रम की देखरेख कर रहे थे। वहीं, पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम घोषित किया है, जो अभी भी फरार है।
भोले बाबा के वकील एपी सिंह घायलों से मिलने अलीगढ़ पहुंचे। उन्होंने बताया कि बाबा का कोई आश्रम नहीं है और वे पेंशन से अपना गुजारा करते हैं। एपी सिंह ने कहा, "जांच टीम जब भी बाबा को बुलाएगी, वे आएंगे।"
पुलिस ने बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की तलाश में मैनपुरी, ग्वालियर, कानपुर और हाथरस समेत 8 ठिकानों पर छापा मारा है। पुलिस ने एटा, हाथरस और मैनपुरी से 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, जो भोले बाबा से जुड़े हैं और उनसे पूछताछ जारी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हादसे के लिए प्रशासन और प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हाथरस आकर अस्पताल में भर्ती और प्रभावित लोगों से मिलेंगे।
भोले बाबा: विवादों और समर्पण के बीच
हाथरस की भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद से नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा सुर्खियों में हैं। सत्संग के दौरान मंच पर बैठने वाली महिला को बाबा की पत्नी या सेविका बताया जा रहा है, लेकिन भक्तों के बीच 'मां जी' के नाम से पहचानी जाने वाली महिला बाबा की मामी हैं, पत्नी नहीं।
एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे सूरजपाल सिंह जाटव, जो बाद में साकार हरि या भोले बाबा बने, पहले इटावा पुलिस में पदस्थ थे। 1997 में उनके ऊपर यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ था, लेकिन जेल से छूटने के बाद वे साकार विश्व हरि बाबा बन गए और सत्संग करने लगे। बाबा की पत्नी का नाम कटोरी देवी है और उनके तीन भाइयों में से एक रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है, जबकि तीसरे भाई राकेश गांव में खेती करते हैं।
बाबा के अनुयायी वंचित वर्गों से अधिक हैं और उनके पश्चिमी यूपी के जिलों में कई एकड़ जमीन पर आश्रम हैं। अनुयायियों का कहना है कि बाबा कोई दान-दक्षिणा नहीं लेते और पाखंड का विरोध करते हैं। बाबा सफेद थ्री पीस सूट-बूट में प्रवचन देते हैं और उनके पास लग्जरी कारों का काफिला और खुद की वर्दीधारी फौज है, जिसे आश्रम के सेवादार कहा जाता है।
भोले बाबा के प्रवचन मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं और वे किसी भगवान की तस्वीर अपने कार्यक्रमों में नहीं लगाते। उनके अनुयायियों का मानना है कि बाबा सेवाधार बनकर भक्तों की सेवा करते हैं और अपने प्रवचनों में पाखंड का विरोध करते हैं।
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