सीबीएसई ने 2025 में होने वाली 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने संबद्ध स्कूलों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि यदि किसी छात्र की उपस्थिति 75% से कम होती है, तो वह बोर्ड परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं होगा। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में छात्रों को राहत दी जा सकती है, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी, या अन्य गंभीर कारण। इस राहत के लिए छात्र को संबंधित दस्तावेज़ दिखाने होंगे।
बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे छात्रों को इस उपस्थिति नियम की जानकारी दें और इसका सही-सही पालन करें। साथ ही, स्कूलों को अपने उपस्थिति रिकॉर्ड की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और इसे रोजाना अपडेट करना चाहिए। अटेंडेंस रजिस्टर पर क्लास टीचर और स्कूल के सक्षम अधिकारी के साइन होने चाहिए, ताकि यह किसी भी समय सीबीएसई के निरीक्षण के लिए उपलब्ध हो सके।
सीबीएसई ने यह दिशा-निर्देश ऐसे समय पर जारी किए हैं, जब वह "डमी स्कूलों" के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। डमी स्कूल वे होते हैं जहाँ छात्रों की उपस्थिति के बिना ही उनकी हाजिरी लगा दी जाती है। यह सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन है। हाल ही में सीबीएसई ने दिल्ली और राजस्थान के कुछ स्कूलों में औचक निरीक्षण किया, जिसमें गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें नोटिस भी जारी किया गया।
डमी स्कूल आमतौर पर उन छात्रों के लिए होते हैं, जो जेईई मेन, जेईई एडवांस, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होते हैं। ऐसे स्कूलों में छात्रों को नियमित कक्षाओं में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती। यह स्कूल "नॉन-अटेंडिंग स्कूल" भी कहे जाते हैं। इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्र सीधे बोर्ड परीक्षा में बैठ जाते हैं, जबकि उनकी उपस्थिति रिकॉर्ड में दर्ज कर दी जाती है। अब सीबीएसई ने इस प्रथा पर सख्त रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं।
बोर्ड ने साफ किया है कि छात्रों की उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच के लिए वह औचक निरीक्षण कर सकता है। अगर निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि उपस्थिति रिकॉर्ड अधूरे हैं या फर्जी हैं, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें स्कूल की मान्यता रद्द करने और छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने से अयोग्य ठहराने की संभावना भी शामिल है।
इसके अलावा, बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि कक्षा 9 और 11 के सभी छात्रों का पंजीकरण 16 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले साल एलओसी भरने के समय, किसी भी छात्र का पंजीकरण नहीं रुका हो।
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