आयुष्मान खुराना आज भारतीय सिनेमा में एक जाना-माना नाम हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर रेडियो जॉकी (आरजे) के रूप में की थी। उनका यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बल पर इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल किया है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो जीवन में अपने सपनों का पीछा करने से नहीं घबराते।
आयुष्मान खुराना ने अपने करियर की शुरुआत चंडीगढ़ के बिग एफएम में एक रेडियो जॉकी के रूप में की थी। वे वहां अपने चुटीले और मजाकिया अंदाज के लिए काफी लोकप्रिय हुए। इसके बाद उन्होंने एमटीवी के शो "रोडीज" में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने अपनी टैलेंट का लोहा मनवाया। रोडीज जीतने के बाद आयुष्मान को देशभर में पहचान मिली और उनका सफर धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया। इसके बाद उन्होंने टीवी पर कई शोज होस्ट किए, जिनमें "इंडियाज गॉट टैलेंट" और "म्यूजिक का महामुकाबला" शामिल हैं।
उनकी पहली फिल्म "विकी डोनर" (2012) ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। इस फिल्म में स्पर्म डोनेशन जैसे संवेदनशील विषय को बेहद हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया गया था। आयुष्मान की एक्टिंग और फिल्म में उनके गाए गाने "पानी दा रंग" ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। इस फिल्म के लिए आयुष्मान को सर्वश्रेष्ठ डेब्यू और सर्वश्रेष्ठ मेल प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार भी मिला।
आयुष्मान के छोटे भाई, अपारशक्ति खुराना, भी एक अभिनेता और आरजे रहे हैं। दोनों भाइयों का रिश्ता हमेशा से खास रहा है। अपारशक्ति ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे बचपन में उनकी और आयुष्मान की एक बार लड़ाई हो गई थी। उस समय वे सिर्फ सात साल के थे और उन्हें नहीं पता था कि बड़े भाई का सम्मान कैसे करना है। लड़ाई के बाद उनके पिता ने उन्हें सिखाया कि आयुष्मान का सम्मान करना चाहिए और तब से अपारशक्ति रोज सुबह आयुष्मान के पैर छूने लगे।
अपारशक्ति ने यह भी बताया कि इस परंपरा के कारण उनके और आयुष्मान के बीच लड़ाइयाँ कम हो गईं और उनका रिश्ता राम-लक्ष्मण की तरह मजबूत हो गया। अपारशक्ति ने अपनी परवरिश के बारे में बात करते हुए कहा कि छोटे शहर में हुई उनकी परवरिश ने उन्हें और आयुष्मान को एक-दूसरे के करीब रखा। उन्होंने कहा, "जब आप किसी के पैर छूते हैं, तो आप उनसे झगड़ा नहीं कर सकते। यही वजह है कि हमारे बीच का रिश्ता हमेशा अच्छा रहा है।"
विकी डोनर के बाद आयुष्मान की कई फिल्में आईं, लेकिन सभी बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रहीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। "दम लगा के हईशा," "बधाई हो," "बाला," और "शुभ मंगल सावधान" जैसी फिल्मों ने आयुष्मान को एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में स्थापित किया। उनकी फिल्मों की खासियत यह रही कि वे सामाजिक संदेशों से भरपूर होती थीं और छोटे बजट की होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती थीं।
उनकी फिल्म "ड्रीम गर्ल" (2019) एक और बड़ी हिट साबित हुई। इस फिल्म में आयुष्मान ने एक ऐसे किरदार को निभाया, जो महिलाओं की आवाज में लोगों से बात करता है और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करता है। फिल्म की कॉमिक टाइमिंग और आयुष्मान की अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म ने 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन किया, जो इस बात का प्रमाण है कि आयुष्मान न सिर्फ एक अच्छे अभिनेता हैं, बल्कि दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने की क्षमता भी रखते हैं।
आयुष्मान खुराना का जन्म 14 सितंबर 1984 को चंडीगढ़ में हुआ था। उनके पिता पी. खुराना एक मशहूर एस्ट्रोलॉजर थे, और उनकी मां गृहिणी। आयुष्मान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ से ही प्राप्त की और बाद में उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स किया।
आयुष्मान ने थिएटर में भी काफी समय बिताया और सिनेमा में कदम रखने से पहले पांच साल तक स्थानीय थिएटर में काम किया। उनका कहना है कि थिएटर ने उनकी एक्टिंग को निखारा और उन्हें एक अभिनेता के रूप में बेहतर बनने में मदद की।
आयुष्मान के पिता ने जब वह छोटे थे, तभी उनकी कुंडली देखकर कह दिया था कि उनका बेटा बड़ा स्टार बनेगा। आयुष्मान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता ने उन्हें अपने नाम में एक अतिरिक्त 'एन' और 'आर' जोड़ने की सलाह दी थी, जो उनके लिए शुभ था। आयुष्मान ने भी अपने पिता की बात मानी और आज वह बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक हैं।
आयुष्मान खुराना की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति की संघर्ष, मेहनत और समर्पण की भी कहानी है। उन्होंने साबित किया है कि अगर आप अपने सपनों का पीछा करते हैं और कभी हार नहीं मानते, तो आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं।
आयुष्मान खुराना का सफर उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। एक छोटे शहर से निकलकर बॉलीवुड के बड़े पर्दे तक का सफर उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर तय किया है। आज वे न सिर्फ एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि एक बेहतरीन गायक और एंकर भी हैं। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप अपने सपनों के प्रति सच्चे हैं, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।
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