ढाका, बांग्लादेश: हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। आरक्षण पर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजधानी ढाका को छोड़कर किसी सुरक्षित जगह के लिए प्रस्थान कर दिया है। खबरों के अनुसार, शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ देश छोड़कर फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी के लिए रवाना हो गई हैं।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने देश को संबोधित करते हुए बताया कि शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है और एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही देश में सब कुछ सही हो जाएगा।
पिछले एक महीने से बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। समय के साथ यह आंदोलन इतना बड़ा हो गया कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की सेना ने शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था और उन्हें ऐसा करने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया गया था। इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
बांग्लादेश की कोटा प्रणाली क्या है?
बांग्लादेश की कोटा प्रणाली स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देती है। 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बना यह देश, पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। बांग्लादेशी छात्र इस सिस्टम के खिलाफ हैं और इसे बदलकर मेरिट प्रणाली से नौकरियां देने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि इस व्यवस्था से सरकार में बैठे लोगों को ज्यादा फायदा होता है, गरीब के बच्चों को नहीं।
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