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महाकुंभ 2025 : 50 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025: 50 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025

  •  08 Jan 2025
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महाकुंभ 2025 :उत्तर प्रदेश में आगामी कुंभ मेले को लेकर सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों ने एक नए आयाम को छू लिया है। इस बार अनुमान है कि 40 से 50 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक इस आयोजन में शामिल होंगे। इसके साथ ही खालिस्तानी आतंकी धमकियों और नकली तहसीलदार जैसे मामलों ने सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ा दी है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की सक्रियता ने देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया है कि यह आयोजन पूरी तरह से सुरक्षित और सुव्यवस्थित रहेगा। पुलिस प्रशासन के नेतृत्व में इस बार ऐसी मुस्तैदी दिखाई जा रही है जो श्रद्धालुओं को उत्साहित कर रही है। डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा व्यवस्था न केवल पहले से बेहतर है, बल्कि साइबर सुरक्षा तक का भी खास ख्याल रखा गया है।

कुंभ मेले की तैयारियां पिछले डेढ़ वर्षों से चल रही हैं, जबकि पिछले छह महीनों में प्रशासनिक गतिविधियों ने तीव्र गति पकड़ ली है। सुरक्षा को लेकर 72 विशेष ड्रिल्स की गई हैं, जो इस मेले के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। श्रद्धालुओं के लिए छह मुख्य रूट तय किए गए हैं, जिनसे वे मेले में प्रवेश करेंगे और स्नान के बाद उसी रूट से बाहर निकलेंगे। अधिकांश लोग सड़क मार्ग से पहुंचेंगे, जबकि 10-12 प्रतिशत श्रद्धालु रेल और 5-7 प्रतिशत हवाई मार्ग से आएंगे। रेलवे ने इसके लिए 1000 विशेष ट्रेनें संचालित करने की योजना बनाई है, और एयरपोर्ट पर भी चार्टर्ड प्लेन समेत अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।

सुरक्षा के लिए सभी संबंधित एजेंसियां, केंद्र और राज्य सरकार के साथ समन्वय में काम कर रही हैं। साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए साइबर पेट्रोलिंग और साइबर फ्रॉड रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के दौरान हुई थी। इस बार कुंभ मेले में इसे और बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है। डीजीपी ने श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की ओर से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं उच्च स्तर की हैं।

कुंभ मेले के आयोजन के अलावा, उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में अपराध नियंत्रण में भी बड़े बदलाव देखे गए हैं। मुख्यमंत्री और प्रशासन के नेतृत्व में राज्य में अपराध के प्रति "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई गई है। भारी संख्या में ट्रांसपेरेंट तरीके से रिक्रूटमेंट और अधिकारियों की योग्यता के आधार पर पोस्टिंग ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। पुलिस को कानूनी कार्रवाई में फ्रीडम दी गई है, जिससे अपराधियों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पिछले 13 महीनों में 700 हजार लोगों को सजा दिलाई गई है, जिनमें 48 को मृत्युदंड की सजा दी गई है। डकैतों के सारे गैंग समाप्त हो चुके हैं, और माफियाओं पर भी प्रभावी कार्रवाई की गई है।

संभल और बहराइच जैसी घटनाओं में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाया है। डीजीपी ने बताया कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से करने की सरकार की नीति है। अगर कहीं हिंसा भड़कने की संभावना होती है, तो उस पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाती है। संभल में हुई घटना में भी पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और लोगों के साथ संवाद स्थापित कर शांति बनाए रखी। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में कहीं भी बड़ी हिंसा नहीं होने दी गई है, जो प्रशासन की सजगता और तत्परता को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों से न केवल प्रदेश में शांति बनी हुई है, बल्कि कानून-व्यवस्था के स्तर पर राज्य ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। डीजीपी ने इसे अपनी टीम और उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुकरणीय योगदान का परिणाम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश अब "उत्तम प्रदेश" बन चुका है, जहां लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। यह परिवर्तन न केवल सुरक्षा के प्रति पुलिस की सख्ती से संभव हुआ है, बल्कि अपराधियों और माफियाओं पर किए गए कठोर प्रहार ने इसे और मजबूत किया है।

कुंभ मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। विशेष रूप से शाही स्नान के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मेले को नौ अलग-अलग जोनों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक जोन में विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। ये अधिकारी लगातार श्रद्धालुओं के संपर्क में रहते हैं और उनकी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। इसके साथ ही महत्त्वपूर्ण अखाड़ों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है।

प्रदेश में सुरक्षा और व्यवस्था के स्तर पर हुए इन परिवर्तनों ने न केवल देश बल्कि विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं का भी विश्वास अर्जित किया है। कुंभ मेले में भाग लेने के इच्छुक श्रद्धालु बिना किसी संकोच के इसमें शामिल हो सकते हैं। प्रशासन ने न केवल पारंपरिक व्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि नवीन तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाकर इसे और प्रभावी बनाया है। यह आयोजन एक बार फिर उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर एक नए रूप में प्रस्तुत करेगा।

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