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आगरा: मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के खिलाफ दायर प्रार्थना पत्र पर नहीं हुई सुनवाई, अब 23 दिसंबर को अगली तारीख

आगरा: मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के खिलाफ दायर प्रार्थना पत्र पर नहीं हुई सुनवाई, अब 23 दिसंबर को अग

राजनीति

  •  20 Dec 2024
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न्यू आगरा: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ दायर प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट, आगरा में सुनवाई होनी थी। हालांकि, पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में नहीं पहुंचने के कारण इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 दिसंबर तय की है। तभी कोर्ट इस पर कोई आदेश या नोटिस जारी करेगा।

यह प्रकरण खड़गे के हालिया बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने खुद को ज्योर्तिलिंग बताया था। वादी अधिवक्ता गगन शर्मा ने इस बयान को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुए पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया।

न्यू आगरा थाना क्षेत्र के दयालबाग स्थित सरलाबाग एक्सटेंशन निवासी अधिवक्ता गगन शर्मा ने बताया कि भगवान शिव में उनकी गहरी आस्था है और वे तीन ज्योर्तिलिंगों के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि 1 दिसंबर 2024 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक रैली के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद को भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक बताया। खड़गे ने कहा था कि उनके पिता ने उनका ऐसा नाम रखा है।

वादी का कहना है कि खड़गे के इस बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि खड़गे का बयान न केवल टीवी चैनलों पर प्रसारित हुआ, बल्कि कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी उनके भाषण का वीडियो अपलोड किया गया। इस बयान को सुनने और इसकी पुष्टि करने के बाद वादी ने 12 दिसंबर को आगरा पुलिस कमिश्नर को डाक के माध्यम से शिकायत भेजी थी, जिसमें खड़गे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी।

वादी गगन शर्मा ने बताया कि जब पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की थी। लेकिन, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की गई, जिसके चलते सुनवाई टाल दी गई।

अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। वादी का कहना है कि वह अपनी धार्मिक भावनाओं के अपमान के लिए न्याय पाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह का बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए थी।

अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी, जिसमें पुलिस की रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा। अदालत की कार्यवाही पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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