लखनऊ। लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जिन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राजनीति का एक प्रखर योद्धा माना जाता है, की जयंती आज, 11 अक्टूबर को पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर अपने विचार साझा करते हुए लिखा:
"महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लोकतंत्र के परम उपासक, भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हें नमन! आपातकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्र की जनतांत्रिक चेतना को जागृत कर लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में अविस्मरणीय योगदान दिया था। वे सच्चे अर्थों में लोकनायक थे।"
वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी जयप्रकाश नारायण के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए 'X' पर लिखा:
"सच्ची राजनीति का उद्देश्य मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देना है। जयप्रकाश नारायण जी ने स्वतंत्र भारत की राजनीति और चिंतन पर सकारात्मक प्रभाव डाला। उन्होंने कांग्रेस की तानाशाही के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नारा बुलंद कर भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। उनकी जयंती पर शत-शत नमन!"
जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सिताबदियारा गाँव में हुआ था। उनका प्रारंभिक जीवन साधारण भारतीय परिवेश में बीता। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वे उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने मार्क्सवाद और समाजवाद का गहन अध्ययन किया।
अमेरिका में रहते हुए वे कार्ल मार्क्स और लेनिन के विचारों से प्रभावित हुए और समाजवादी दर्शन को आत्मसात किया। लेकिन भारत लौटने के बाद, महात्मा गांधी के संपर्क में आने पर उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों को अपने जीवन का मार्गदर्शक बना लिया।
जयप्रकाश नारायण का नाम भारतीय इतिहास में विशेष रूप से आपातकाल (1975-77) के विरोध में जनआंदोलन से जुड़ा है। उन्होंने उस दौर में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने के लिए संघर्ष किया और जनता को एकजुट कर संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज सुधार में अमूल्य है।
जयप्रकाश नारायण का संपूर्ण जीवन समाज सेवा, सामूहिक कल्याण और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित रहा। उनकी विचारधारा ने भारतीय राजनीति की दिशा और दशा को गहराई से प्रभावित किया। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने सत्ता से परे जाकर समाज के उत्थान और लोकतंत्र की मजबूती के लिए संघर्ष किया।
आज उनकी जयंती पर पूरे देश में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है, और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया जा रहा है।
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