महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से जारी सस्पेंस के बीच यह बड़ी खबर निकलकर आई है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगा दी है। सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि फडणवीस को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, इस संबंध में अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बीजेपी और महायुति गठबंधन के नेता इस पर अंतिम निर्णय 4 दिसंबर को विधायक दल की बैठक के बाद करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे, जिसमें महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट) ने भारी जीत दर्ज की। महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर कब्जा जमाया। इसमें बीजेपी ने 132 सीटें, शिवसेना शिंदे गुट ने 57 सीटें और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए), जिसमें उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, को सिर्फ 46 सीटों पर सिमटना पड़ा। इस भारी बहुमत के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन में लगातार असहमति की खबरें आ रही थीं।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी हाईकमान ने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बना ली है। फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पहले भी रह चुके हैं और शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रभावशाली भूमिका निभाई थी। उनकी प्रशासनिक क्षमता और बीजेपी के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस पद का मजबूत दावेदार बनाया।
फडणवीस के नाम पर फैसला आने से पहले, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार गुट के नेता भी अपना दावा कर रहे थे। शिवसेना गुट का कहना था कि इतनी बड़ी जीत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मिली है, इसलिए मुख्यमंत्री उन्हीं को बनाया जाना चाहिए। वहीं, अजित पवार ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद बयान दिया कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला बीजेपी हाईकमान करेगा और वे इस फैसले का सम्मान करेंगे।
हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर कई अन्य नाम भी चर्चा में थे, जिनमें मुरलीधर महल, रविंद्र चौहान, चंद्रकांत पाटिल और चंद्रशेखर बावनकुले शामिल थे। राजनीतिक हलकों में इन नामों की चर्चा ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया। लेकिन सूत्रों ने स्पष्ट किया कि बीजेपी का अंतिम फैसला देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में ही होगा।
बीजेपी ने 4 दिसंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहेंगे।
नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। इसे भव्य बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और 22 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इस मौके पर 40,000 से ज्यादा लोगों के जुटने की संभावना है। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी सेविकाओं, उद्योगपतियों, और विभिन्न धर्मों के साधु-संतों को भी आमंत्रित किया गया है।
महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी। एकनाथ शिंदे का कहना था कि उनकी अगुवाई में महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए। वहीं, बीजेपी ने साफ कर दिया था कि मुख्यमंत्री उनका होगा, क्योंकि पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिली हैं।
शिवसेना गुट के नेताओं ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, जबकि उनकी पार्टी जेडीयू को कम सीटें मिली थीं। इसी तर्ज पर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन बीजेपी ने इसे खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा मजबूत रखा।
शपथ ग्रहण समारोह में करीब 2,000 वीवीआईपी पास जारी किए जाएंगे और 13 विशेष ब्लॉक्स में मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई है। तीन अलग-अलग मंच बनाए जाएंगे, जिनमें एक मुख्य मंच होगा, और अन्य दो मंच धर्मगुरुओं और राजनीतिक नेताओं के लिए होंगे। विपक्ष के सभी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है, हालांकि उनका आना उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा।
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी स्थिति और मजबूत करेगी। उनकी प्रशासनिक क्षमताएं, पार्टी के प्रति उनकी वफादारी, और राज्य में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में उनकी भूमिका को देखते हुए यह फैसला पार्टी के लिए राजनीतिक और रणनीतिक दोनों रूप से सही माना जा रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह बड़ा बदलाव गठबंधन के अन्य दलों को भी स्पष्ट संदेश देता है कि सरकार की बागडोर बीजेपी के हाथ में रहेगी। अब सभी की निगाहें 4 दिसंबर की विधायक दल की बैठक और 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं।
© Copyright 2025 by शिवंलेख - Design & Developed By Codes Acharya