पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति की पहचान उनके ही समर्थक के रूप में हुई है। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को वीडियो मैसेज पर पांच-छह दिन जिंदा रहने का अल्टीमेटम देने वाला शख्स खुद उनकी पुरानी पार्टी- जन अधिकार पार्टी का पुराना समर्थक बताया जा रहा है। यह व्यक्ति भोजपुर जिले का रहने वाला राम बाबू राय है, जो पहले पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (जाप) का कार्यकर्ता भी रह चुका है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसने धमकी भरा वीडियो सांसद के करीबी समर्थकों के कहने पर बनाया था।
आरोपी राम बाबू राय ने बताया कि सांसद के समर्थकों ने उससे संपर्क किया और कहा कि पप्पू यादव को ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा दिलाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। समर्थकों ने यह भी कहा कि अगर वह इस काम को अंजाम देगा तो उसे एक लाख रुपये दिए जाएंगे और पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। आरोपी ने यह वीडियो 1 दिसंबर को सांसद के मोबाइल नंबर पर भेजा था।
पूर्णिया पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार को राम बाबू राय को भोजपुर से गिरफ्तार किया और मंगलवार को पूर्णिया ले आई। बाद में पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। एसपी ने बताया कि आरोपी भोजपुर जिले का रहने वाला है और सांसद पप्पू यादव का पुराना समर्थक रह चुका है। उसने सांसद के समर्थकों के कहने पर धमकी भरा वीडियो बनाया था।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि धमकी भरे वीडियो की योजना पहले से बनाई गई थी। इसके तहत दो वीडियो शूट किए गए थे। इनमें से एक वीडियो सांसद के नंबर पर भेजा गया, जबकि दूसरा वीडियो भेजने की योजना बाद में बनाई गई थी। आरोपी का दावा है कि उसे इसके लिए पैसे और भविष्य में पार्टी में बड़ा पद देने का लालच दिया गया था।
एसपी कार्तिक शर्मा ने कहा कि अभी इस मामले में जांच जारी है और आरोपी के दावों की पुष्टि की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का नाम सामने आ रहा है, उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। फिलहाल, मामले में शामिल अन्य लोगों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं, क्योंकि यह जांच का हिस्सा है।
राम बाबू राय ने पुलिस को यह भी बताया कि सांसद के करीबी सहयोगियों ने उसे धमकी भरा वीडियो बनाने और भेजने के लिए निर्देशित किया था। इसमें उसे बताया गया था कि सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। पुलिस ने दोनों वीडियो बरामद कर लिए हैं और मामले की गहराई से जांच कर रही है।
इस घटना ने सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले के खुलासे से यह स्पष्ट हुआ है कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते इस तरह की साजिश रची गई थी। अब यह देखना होगा कि पुलिस की जांच में और क्या तथ्य सामने आते हैं और इस साजिश में शामिल अन्य लोगों पर क्या कार्रवाई होती है
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