प्रतापगढ़। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, त्रिभुवन विश्वकर्मा ने जानकारी दी है कि मौसम विभाग (आई0एम0डी0) लखनऊ ने प्रदेश के कुछ जिलों में वर्षा/अतिवृष्टि/वज्रपात (आकाशीय विद्युत) की संभावना व्यक्त की है। इन चिन्हित जिलों में प्रतापगढ़ भी शामिल है, जो आगामी कुछ दिनों के लिए ऑरेंज और फिर येलो जोन में रहेगा। पिछले दिनों जनपद में वर्षा के साथ वज्रपात (लाइटनिंग) की घटनाएँ हो रही हैं।
उन्होने वज्रपात (आकाशीय विद्युत) से बचाव के संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊंची इमारतों, पेड़ों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है, जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है। विभिन्न आपदाओं के जोखिम को कम करने हेतु राहत एवं बचाव के कार्यों को और भी प्रभावी एवं सक्रिय बनाने के लिए एंड्रॉयड मोबाइल फोन के प्ले स्टोर से 'सचेत' एवं 'दामिनी' एप्स अनिवार्य रूप से डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। इन मोबाइल एप्स के माध्यम से प्राप्त पूर्व चेतावनी एवं एडवाइजरी का प्रभावी उपयोग कर होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।
एडवाइजरी में निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने की सलाह दी गई है:
वज्रपात के मामले में मृत्यु का तत्कालिक कारण हृदयाघात होता है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया (CPR), प्राथमिक चिकित्सा प्रारम्भ करें। संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो। यह सुनिश्चित कर लें कि पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही हो।
वज्रपात के बाद घर के अंदर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए। स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें। अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है तो तुरंत 112 पर कॉल करें और यथाशीघ्र पीड़ित को अस्पताल ले जाएं।
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