प्रतापगढ़: अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा ने जानकारी दी है कि मौसम विभाग, लखनऊ द्वारा जारी सूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले और आसपास के क्षेत्रों में 16 अगस्त 2024 तक भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान आंधी, तूफान और आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। इन संभावित आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के निर्देशानुसार एक एडवाइजरी जारी की गई है।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि सभी नागरिकों को मौसम की स्थिति के बारे में रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर जानकारी लेते रहना चाहिए। यदि मौसम खराब हो तो घर से बाहर न निकलें। बाहर जाने की स्थिति में विद्युत के तारों, खंभों और ट्रांसफार्मरों से दूर रहें। अपने पशुओं को भी खराब मौसम में खुले में न छोड़ें और न ही उन्हें पेड़ों के नीचे बांधें। उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें।
किसानों को खेतों में सुरक्षित तरीके से ही कृषि कार्य करने की सलाह दी गई है। खासकर खराब मौसम में फसलों की जुताई, बुवाई और कटाई का कार्य न करें। आकाशीय बिजली से बचाव के लिए खेतों में काम करते समय अपने साथ लकड़ी का छोटा पीढ़ा या प्लास्टिक की बोरी रखें और बिजली गिरने की स्थिति में उस पर बैठ जाएं। इसके अलावा, नदी, तालाब और गहरे गड्ढों में जाने से बचें। बच्चों पर विशेष निगरानी रखें और उन्हें ऐसे स्थानों पर जाने से रोकें।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पीने के पानी को उबालकर पिएं और नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन टेबलेट प्राप्त करें। किसी भी चिकित्सा आपातकाल के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के कंट्रोल रूम के नंबर 05342-222041 या अन्य हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। सभी सरकारी अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
आकाशीय बिजली से बचाव के लिए छायादार पेड़ के नीचे शरण न लें और वाहन से यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा कर रहे हों, तो सुरक्षित स्थान या पक्के मकान में शरण लें। इसके अलावा, दामिनी ऐप और सचेत ऐप का प्रयोग करें, जो पूर्व चेतावनी और बचाव में मददगार हो सकते हैं।
बच्चों को अकेले नदी या घाटों के पास न जाने दें। वर्षा के दौरान वज्रपात का खतरा रहता है, इसलिए खुले स्थान पर होने की स्थिति में पक्के मकान की शरण लें और नदी, तालाब और घाटों से दूर रहें।
© Copyright 2025 by शिवंलेख - Design & Developed By Codes Acharya