This website uses cookies to ensure you get the best experience.

Jan 10 2025 

  •  होम
  •  / खेलकूद
  •  /  भारत ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में कोरिया को 3-1 से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज की

भारत ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में कोरिया को 3-1 से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज की

भारत ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में कोरिया को 3-1 से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज की

खेलकूद

  •  14 Sep 2024
  •  17
  •  10 Min Read
  •  1

एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी 2024 के बृहस्पतिवार को खेले गए मुकाबले में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कोरिया को 3-1 से हराते हुए शानदार जीत दर्ज की। यह भारत की टूर्नामेंट में लगातार चौथी जीत थी, जिसके साथ ही टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बेहतरीन प्रदर्शन और उनके द्वारा किए गए दो गोलों की बदौलत भारत ने कोरिया को पराजित किया।

मैच की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने आक्रामक रवैया अपनाया। पहले ही क्वार्टर में भारत ने दो गोल कर कोरियाई टीम पर दबाव बना लिया। आठवें मिनट में अराइजीत सिंह हुंडल ने सुखजीत सिंह के बेहतरीन पास पर गोल दागा। यह भारत का पहला गोल था, जो टीम की आक्रामकता को दर्शा रहा था।

इसके ठीक एक मिनट बाद, भारतीय टीम को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला। हरमनप्रीत सिंह, जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में से एक माने जाते हैं, ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और नौवें मिनट में शानदार फ्लिक के जरिए दूसरा गोल दाग दिया। इस गोल ने भारतीय टीम को 2-0 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी।

कोरियाई टीम ने भी इस मुकाबले में कड़ी टक्कर देने का प्रयास किया। हालांकि, भारतीय डिफेंस और गोलकीपर सूरज करकेरा ने उनके कई आक्रमणों को विफल कर दिया। सूरज ने विशेषकर दूसरे क्वार्टर में शानदार प्रदर्शन किया, जब कोरिया ने कई हमले बोले और गोल करने की कोशिश की।

कोरियाई टीम को पहला मौका तब मिला, जब मैच के तीसरे क्वार्टर में उन्हें पेनल्टी कॉर्नर मिला। 30वें मिनट पर कोरिया के जिहुन यांग ने इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर टीम के लिए एकमात्र गोल किया। इस गोल से कोरिया को कुछ हद तक संजीवनी मिली, लेकिन भारतीय टीम ने अपनी लीड को बरकरार रखा।

भारतीय टीम ने एक बार फिर आक्रामक खेल दिखाया और अपने गोल की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। तीसरे क्वार्टर के 43वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने एक और पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाते हुए गोल किया और भारत की बढ़त को 3-1 कर दिया। हरमनप्रीत का यह दूसरा गोल था, जो उनकी बेहतरीन फॉर्म और उनकी टीम के लिए अहम योगदान को दर्शाता है।

हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय टीम ने न केवल आक्रामक खेल दिखाया, बल्कि डिफेंस में भी मजबूती बनाए रखी। उनका प्रदर्शन टूर्नामेंट के दौरान भारतीय टीम की सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है।

भारतीय गोलकीपर सूरज करकेरा ने इस मैच में एक अहम भूमिका निभाई। खासकर दूसरे क्वार्टर में, जब कोरियाई टीम ने भारतीय गोल पर कई हमले किए, तब करकेरा की उत्कृष्ट गोलकीपिंग ने भारतीय टीम को बड़ी राहत दी। सूरज ने कोरिया के कई संभावित गोलों को विफल किया और टीम के लिए मजबूती का स्तंभ बने रहे। उनके इस प्रदर्शन ने टीम के आत्मविश्वास को और बढ़ाया।

इससे पहले भारत ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन, जापान और मलेशिया को हराया था। पहले मुकाबले में भारत ने चीन को 3-0 से हराया। उसके बाद जापान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम ने 5-0 की बड़ी जीत दर्ज की। मलेशिया के खिलाफ भारत ने और भी शानदार खेल दिखाते हुए 8-1 की बड़ी जीत हासिल की। इन तीन जीतों के बाद भारतीय टीम पहले ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी थी, और इस जीत ने उनकी स्थिति को और भी मजबूत कर दिया।

हालांकि, कोरियाई टीम ने भी पूरे मुकाबले के दौरान अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन वे भारतीय टीम की आक्रामकता और बेहतर रणनीति का मुकाबला नहीं कर सके। पहले क्वार्टर में दो गोल खाने के बाद कोरिया ने अपने खेल में सुधार किया और कई मौके बनाए, लेकिन भारतीय डिफेंस की मजबूती और सूरज करकेरा की गोलकीपिंग के आगे उनके प्रयास असफल रहे।

भारत ने इस टूर्नामेंट में अपनी रणनीति को काफी सटीक रखा है। हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय टीम ने न केवल आक्रामक खेल दिखाया, बल्कि अपनी डिफेंस को भी मजबूत रखा। पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करना, टीम के खिलाड़ियों की आपसी समझ और मैदान पर उनकी जगह-जगह उपस्थिति ने भारत को इस टूर्नामेंट में अब तक अपराजित बनाए रखा है।

इस जीत के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से लबरेज है और अब वे अपने आखिरी लीग मुकाबले में शनिवार को पाकिस्तान से भिड़ेंगे। पाकिस्तान के खिलाफ यह मुकाबला हमेशा से ही रोमांचक और उच्च-स्तरीय होता है। भारतीय टीम की नजरें इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में और अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रवेश करने पर होंगी।

इस टूर्नामेंट में कुल छह टीमें भाग ले रही हैं, जिनमें से शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी। सेमीफाइनल मुकाबले सोमवार को खेले जाएंगे, जबकि फाइनल मंगलवार को होगा।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वह न केवल पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में सफल रहे हैं, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता भी शानदार रही है। उनकी रणनीतिक सोच और खेल के प्रति समर्पण ने टीम को टूर्नामेंट में अब तक अपराजित बनाए रखा है।

हरमनप्रीत ने कोरिया के खिलाफ भी अपने अनुभव और क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। उनके दोनों गोल निर्णायक साबित हुए और उन्होंने दिखाया कि वह विश्व स्तर पर एक बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हैं।

भारत की इस जीत ने यह साबित कर दिया कि भारतीय हॉकी टीम न केवल एशियाई स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मजबूत दावेदार है। हरमनप्रीत सिंह, अराइजीत सिंह, सुखजीत सिंह, सूरज करकेरा और अन्य खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने टीम को एकजुट बनाए रखा है।

इस टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि टीम आगामी बड़े टूर्नामेंटों में भी एक मजबूत दावेदार होगी। पेरिस ओलंपिक में भी भारतीय टीम से इसी प्रकार के प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

भारतीय टीम के कोच और टीम प्रबंधन ने भी इस जीत में अहम भूमिका निभाई है। टीम की रणनीति, खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर, और उनकी मानसिक तैयारी सभी मिलकर इस सफलता का आधार बने हैं। कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों को उनके रोल और जिम्मेदारियों के प्रति स्पष्ट निर्देश दिए हैं, जिससे टीम के प्रदर्शन में निरंतरता बनी रही है।

कृपया अपने विचार साझा करें :

Search News

Advertisements

Subscribe Newsletter

सभी नवीनतम सामग्री सीधे अपने इनबॉक्स पर प्राप्त करें